सिर्फ एक प्रतिशत लोग ही क्यों सफल हो पाते है

अक्सर देखने में यही आता है कि सिर्फ कुछ ही लोग जीवन में सफल हो पाते हैं जबकि बहुत से लोग उसी प्रक्रिया को अपनाते हैं किंतु सफल सिर्फ कुछ ही हो पाते हैं। कुछ तो वो 1 प्रतिशत लोग अलग करते हैं जो कि 99 प्रतिशत लोग नहीं करते या कुछ तो अलग 1 प्रतिशत लोगों में होता है जो औरों में नहीं होता।

आखिर क्या होता सफल लोगों में अलग।

गौर करने जैसी बात ये है कि क्या होता है क्या अलग है उन 1 प्रतिशत लोगों में जो वो उस फिनिश लाइन को पार कर पाते है जिनको अन्य लोग पार नहीं कर पाते। हम सभी हमेषा सकारात्मक परिणाम पाना चाहते हैं और खुद को हमेषा बेहतर ही बनाना चाहते हैं लेकिन ये हो नहीं पाता सभी लोग मेहनत करने के बावजूद वो परिणााम हासिल नहीं कर पाते जिसकी वो अपेक्षा करते हैं।
तो उन कारकों पर विचार करते हैं जो किसी भी व्यक्ति की सफलता का निर्धारण करते हैं।

परिणाम पर नहीं प्रक्रिया पर ध्यान।

सफल लोग इस बात पर ध्यान केन्द्रित नहीं करते कि परिणाम क्या हासिल होगा अपितु वो इस बात पर ध्यान लगाते हैं कि उनकी प्रक्रिया कैसी है क्योंकि वो मानते हैं कि यदि उनकी प्रक्रिया सही होगी तो परिणाम स्वतः ही ठीक हो जायेंगे।
ये सोचने जैसी बात है और सही सोच भी है यदि किसी भी कार्य की प्रक्रिया सही होगी तो परिणाम तो अच्छे होंगे ही। सफल लोगों की सबसे बड़ी खूबियों मे से यह सोच होती है कि वो प्रक्रिया पर ध्यान देते हैं।

माहौल का बेहतर बनाने का प्रयास।

सफल लोग अपने आस पास के माहौल का सकारात्मक और बेहतर बनाने पर ज्यादा ध्यान देते हैं और ये प्रयास करते है कि उनका परिवेश सकारात्मक और ऊर्जा मय रहे।

हमेशा धैर्य रखे

सफल लोग जानते हैं कि कोई भी सफलता एक दिन में हासिल नहीं की जा सकती वो जानते हैं कि सही प्रक्रिया को अपनाने और सकारात्मक माहौल के साथ साथ हमको धैर्य भी रखना होता है क्योंकि सही चीजें सहीं समय पर ही होती हैं।
सफल व्यक्ति सही समय को बहुत महत्व देते है और धैर्य के साथ इंतज़ार करते हैं चीजों के सही होने का।

सीखते रहने की प्रवृति।

ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जो कि गलती नहीं करता। गलती करना कोई मायने नहीं रखता क्योंकि ये तो सभी करते हैं लेकिन कौन गलतियों से सीखता है ये मायने रखता है और यही सफल और असफल लोगों की सोच में फर्क होता है। सफल लोग अपनी गलतियों से सीखतें हैं और प्रयास करते हैं कि गलतियों को दोहराया न जाये। वो अपनी गलतियां मानते हैं और सीख के और बेहतर होते हैं जो कि एक दिन सफलता की वजह बनता है।

विनम्रता

जब किसी को थोड़ी सी सफलता मिलती है तो अधिकांश लोगों का दिमाग सातवें आसमान पर चढ़ जाता है ऐसे लोग कभी भी बड़ी सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं। जिन भी व्यक्तियों ने महान सफलतायें हासिल की हैं उन सभी में जो एक बात समान थी वो थी उनमें विनम्रता का भाव। सफलता को कभी भी उन्होनें ने दिमाग पर हावी नहीं होने दिया , उनका व्यवहार यथावत बना रहा वे विनमु बने रहे और यही वो गुण था जिसने उनको महान सफलता की तरफ अग्रसर किया।

हार न मानने की प्रवति

सफल लोगों का ये गुण भी उनकी सफलता के लिये बहुत सहायक होता है कि उनकी राह में चाहे लाख कठिनाईयां आये लेकिन वे उनसे विचलित नहीं होते हैं और हार न मानने की प्रवृति के साथ प्रयास करते रहते हैं। एवरेस्ट पर चढ़ने का निष्चय तो न जाने कितने पर्वतारोहियों ने किया होगा लेकिन पहुंचे वहां उन मे से बहुत कम। क्योंकि कुछ ने आधे रास्ते में हार मान ली क्योंकि वो कठिनाईयों का सामना नहीं कर पाये। जिनमें हार न मानने का साहस था वे ही अन्तिम रूप से आरोहण कर पाये।

निरंतरता

जैसे कि पहले भी कहा गया है कि सफलता एक दिन का परिणाम नहीं होता है सफलता के लिये निरंतरता का होना सबसे ज्यादा निधारक है। सभी गणों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है निरंतरता ।
क्योंकि यदि आप कुछ हासिल भी कर लेते हैं तो उसको निरंतर उसी स्थिति में रखना भी एक चुनौती होती है। यदि कोई व्यक्ति सफलता के उच्च स्तरों को प्राप्त करता है तो उसी स्तर पर बने रहने के लिये उसको निरंतर उतना ही अच्छा करते रहना होगा ताकि वो उसी स्तर पर बना रहे। जिसके लिये निरंतर कार्य करना जरूरी होगा।
सफल लोग निरंतर अच्छा कार्य करते रहते है। सकारात्मक रहते हैं हार नहीं मानते। विनम्र होते है,सीखते रहते हैं, धैर्य रखतें हैं और परिणाम पर नहीं प्रक्रिया पर ध्यान केन्द्रित करते है।
आप भी खुद मे इन गुणों का विकास कर जीवन में सफलता के उच्चतम शिखर को छू सकते हैं।

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