निराश न हों जीवन को कहीं से भी शुरू किया जा सकता है। बस शुरूआत का हौसला रखें।

जीवन को कहीं से भी शुरू किया जा सकता हैै।

जीवन की सबसे अच्छी बात ये है कि अगर आप का दृष्टिकोण जीवन के प्रति सकारात्मक है तो आप जीवन को किसी भी स्तर से शुरू कर सकते हैं।
ये तो आपने लोगों को कहते सुना ही होगा कि आप अपने साथ क्या लाये थे और अपने साथ क्या ले जाओगे। क्या आपने इस वाक्य पर गौर किया। हमको या तो विरासत में चीजें मिलती है या तो हम उसको अर्जित करते है।
दोनों ही परिस्थितियों में शून्य से ही शुरूआत करते हैं। अगर दुर्भाग्य से कभी हमारे पास सब कुछ शून्य भी हो जाये तो हमको हौसला नहीं हारना चाहिये।

जीवन सम्भावनाओं से भरा है।

जीवन अनंत अनंत सम्भावनाओं से भरा हुआ है हम सोच भी नहीं सकते जीवन के कितने रंग और मोड़ हैं। यदि हम ठीक से परिस्थितियों का अवलोकन करें तो हमें विषम से विषम स्थिति में भी कुछ न कुछ ऐसा मिल जायेगा जिससे जीवन को फिर से शुरू किया जा सकता एवं जीवन के उच्च स्तर पर पहुँचा जा सकता है।
बहुत से ऐसे लोगों को मैं जानता हूँ, जिसके पास वर्तमान स्थिति के हिसाब से वो सब कुछ है जो सुखी जीवन की परिभाषा है वर्तमान परिवेश में, किंतु जब मैं उनके जीवन को देखता हूँ तो पाता हूँ कि सुख शांति उनको छू के भी नहीं गुजरी है।
ऐसे भी लोग हैं जिनके पास भविष्य के लिये कोई निवेश नही है परन्तु वो आज अपने वर्तमान को बहुत ही शानदार तरीके से जी रहे हेैं।

आपके लिये मायने क्या रखता है।

आप के लिये क्या मायने रखता है बहुत सी संपत्ति को जमा करके मर जाना या जो कुछ आपके पास है उसका पूरा इस्तेमाल करना, सम्पूर्ण उपभोग करना, एक खुशहाल जीवन जीना जिसमें धन चाहे थोड़ा कम ही हो मगर खुसियाँ और शांति भरपूर हो।
मैने कहीं पढ़ा था कि ईश्वर अगर कोई दरवाजा बंद करता है तो कोई खिड़की खोलता है, कभी भी सब कुछ खत्म नहीं होता है अगर हम चाहें और समय को थोड़ा समय दे तो फिर से जीवन के उच्चतम शिखरों को हम पा सकते है। जीवन हमेशा अच्छे और बुरे दौर का समन्वय है हर इंसान को दोनों ही परिस्थितियों का सामना अपने जीवन में करना ही पड़ता है और हर किसी का समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता चाहे वो कोई भी हो, यह बात सभी पर लागू होती हैै।

चरित्र की परख मुश्किल वक्त में ही होती है।

जब सब कुछ सही चल रहा हो तब तो कोई भी हौसला रख सकता है और सकारात्मक रह सकता है किंतु जब जीवन में मुश्किल हों रास्ता थोड़ा परेशानी भरा हो तो तब सकारात्मक रहना और हौसला बनाये रखना मुश्किल होता है और सही मायने में इंसान के असली चरित्र की पहचान भी उसी समय में होती है।
मेरा निजी अनुभव ये मानता है कि हमारे साथ अगर गलत भी होता है तो वो सिर्फ कुछ समय के लिये हमें लगता है उसकी वजह मैं ये मानता हूँ कि हमको भविष्य का तो पता होता नहीं कि कौन से फैसले या कौन से कार्य भविष्य में क्या परिणाम लेके आयेंगे। तात्कालिक रूप में तो हमें लगता है कि हमारे साथ गलत हुआ है और हम उसी बात को लेके नकारात्मक हो जाते हैं। कभी कभी तो कुछ लोग इतने अवसाद ग्रस्त हो जाते है कि डिप्रेशन में चले जाते हैं।

सिक्के के दो पहलू होते हैं।

लेकिन आप कभी हर किसी घटना पर गौर करना जो भी आपके साथ हुई या जो भी आपको बुरा महसूस हो रहा कि आपके साथ ये गलत हुआ है। सिक्के के हमेशा दो पहलू होते हैं लेकिन हम सिर्फ एक ही बात पर गौर करते हैं।
जब कभी भी आपके जीवन में कोई ऐसा समय आये कि आपको लगे कि अब तो सब खत्म हो गया है तो मैं आपको यकीन दिलाता हूँ कि कुछ समय बस उस समय को निकाल लेना चाहे जैसे भी हो सके और कुछ ही समय के बाद आपको एक नई उम्मीद की किरण नजर आयेगी। लेकिन वो कहते हैं न मिला उनको ही है जिन्होने खोजा है। आप जीवन के प्रति सकारात्मक रहना,ईश्वर पर विश्वास रखना और अच्छी नीयत से अपने कार्यों को करते रहना। आपको रास्ता जरूर मिलेगा।

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