कमियों और खूबियों से मानव जीवन का निर्माण होता है।

हर किसी की अपनी खूबियाँ और कमियाँ होती हैं। उन्हें पहचानिये।

यदि बंदर को तैरने की क्षमता से और मछली की पेड़ पर चढ़ने की क्षमता से इन दोनों का आकलन किया जाये तो क्या वो किसी भी मानक पर खरे उतरेंगे। बिल्कुल भी नहीं
किंतु क्या सच में वो क्षमता हीन प्राणी हैं बिलकुल भी नहीं वो अपने अपने क्षेत्र में परिष्कृत जीव हैं। हमारा उनको आकलन करने का तरीका गलत है।
मेरा ऐसा मानना है कि ईश्वर न जो भी बनाया है वो सोच समझ कर और एकदम ठीक बनाया है। फर्क सिर्फ इतना है कि जिसको तैरने के लिये बनाया है वो पेड़ पर चढ़ने की कोशिश कर रहा है।
कहने का तात्पर्य ये है कि मनुष्य ये समझने की कोशिश नहीं कर रहा है कि उसको क्या करना चाहिये वो किस कार्य में दक्ष हो सकता है। बल्कि वो ये देख रहा है कि समाज क्या कर रहा है मुझे भी वही करना चाहिये क्यों कि सभी लोग वही कर रहे हैं।

भीड़ हमेशा सही नही होती।

भीड़ हमेशा ही आसान रास्ता चुनती है क्योंकि मुश्किल रास्ते मनुष्य को अधिक प्रयास करने पर मजबूर करते हैं। इसका मतलब बिलकुल भी ये नहीं है कि आसान रास्ते अच्छे हैं और हर किसी को इससे सफलता मिल सकती है।
ये आम धारणा ये है कि मनुष्य को प्रकृति ने बनाया है और हर किसी चीज को बेवजय नहीं बनाया है क्योंकि प्रकृति में हर चीज का महत्व है ऐसे ही हर व्यक्ति का जीवन में बहुत महत्व है और कोई भी व्यक्ति कम महत्वपूर्ण नहीं है हर किसी व्यक्ति का अपना महत्व है।

अपना अच्छा बुरा स्वीकार करना चाहिये।

हमें ये बात मान लेनी चाहिये कि हममें कुछ अच्छाईयाँ होंगी और कुछ बुराईयाँ होंगी और हर किसी के साथ यही स्थिति होगी तो हर इंसान में कुछ अच्छा है और कुछ बुरा है। हर किसी में न तो सब कुछ अच्छा है न ही सबकुछ बुरा।
अपनी बुराईयों को पहचानना और उनमें बदलाव लाना ही जीवन को सरल बनाने की सीढी है। हमें समाज में कभी किसी से प्रतिस्पर्धा नहीं करनी चाहिये क्योंकि हमारी अपनी दौड़ है और हम अपने तरीके से उसको पूरा करेंगे। हर किसी का अपना तरीका होता है हर किसी की परिस्थितियाँ एक तरह की नहीं हैं तो वो और हम कैसे समान हो सकते हैं तो हमको देखा-देखी करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

कहाँ बदलाव करना है ये जानें।

हमें तो यह समझने की जरूरत है कि हमारी कमजोरी क्या है और हमको अपने जीवन में कहाँ पर बदलाव लाने की आवश्यकता है। और क्यों बदलाव जरूरी है अगर बदलाव सकारात्मक है और उससे हमारे जीवन में सच में बदलाव आयेगा तो हमें उसके लिये प्रयास करने चाहिये। जीवन में हमें निरर्थक प्रयासों से बचना चाहिये जिनका जीवन में कोई मूल्य नही है।
उम्र के साथ साथ ये भी समझना जरूरी है कि कौन कौन से बदलाव करने चाहिये क्योंकि जीवन में बीतते समय के साथ कुछ बातों का कुछ चीजों का कोई भी महत्व नहीं रह जाता वो अर्थहीन हो जाती हैं तो उन पर प्रयास करना उन पर अपने समय को जाया करना महत्वहीन है,बल्कि ये समझना चाहिये कि कौन से कार्य वर्तमान जीवन में हमारे लिये जरूरी हैं जिनका हमको जीवन में फायदा मिलेगा उन्हीं पर प्रयास करना चाहिये।

क्या जरूरी है ये समझें।

जरूरी नहीं होता कि कोई भी लक्ष्य जो किसी और के लिये अति आवश्यक है वो हमारे लिये भी हो या उस लक्ष्य के जो मायने किसी और के लिये हैं वो हमारे लिये भी हों। हो सकता है कोई चीज किसी के लिये बहुत जरूरी हो और हमारे लिये उसकी अहमियत दो कौड़ी भी न हो।
हमें अपनी ताकतों और कमजोरियों पर कार्य करना चाहिये ये समझना चाहिये कि हमें क्या पाना है और क्यों पाना है क्यों वो जरूरी है हमारे लिये ।इन सब बातों का हम अगर ध्यान दे तो हम जीवन में फालतू प्रतिस्पर्धा से बच जायेंगे और वो करेंगे जो हमें चाहिये जो जरूरी है जिसके हमारे लिये कोई मायने हैं और खुद को बेहतर तरीके से समझ पायेंगे। एक बेहतर इंसान बन पायेंगे। बेहतर जीवन जी पायेंगे।

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