हम दुःख को खुद पर भरोसा करके और अपनी क्षमताओं को पहचान कर कम कर सकते हैं।

उम्मीदों को खत्म कर लेना ही दुःख को कम कर लेना हेै ।

कहावत है बिना परिणाम के प्रयास में ऊर्जा का सचार नहीं होता। अर्थात जब हम किसी किसी भी कार्य में उम्मीद नहीं करते तो हमारे प्रयासों में वो तेज नहीं रह जाता जो कि तब होता है जब हम किसी कार्य में परिणाम लगाते है।किंतु इस प्रक्रिया में सबसे बड़ी समस्या यह है कि मनुष्य  को वो परिणाम कभी नहीं मिलते जो उसे आपेक्षित होते है।जिसका सीधा परिणाम ये होता है कि मनुष्य  अवसाद ग्रस्त हो जाता है।

परिणाम की परवाह न करें।

सबसे बड़ा प्रश्न अक्सर ये निकल के सामने आता है कि यदि परिणाम की परवाह किये बिना कोई कर्म किया जाये तो अक्सर कर्म नीरस हो जाता हैं। तो फिर कैसे निश्काम कर्म किये जाये कैसे निश्काम कर्म को सार्थक कर्म में बदला जाये।
मेरे जीवन का अनुभव यह रहा है कि कोई भी व्यक्ति जो किसी भी तरह का कार्य करता है और जितने स्तर पर उसके लिये प्रयास करता है उससे कई गुना वह उस कार्य से उम्मीद रखता है और मेनें अक्सर यह देखा है कि वह उम्मीद अक्सर टूटना अपरिहार्य होती है। परिणाम आप पर अनावष्यक दबाव ड़ालता है। परिणाम आपकी तैयारियों का प्रतिफल होता है तो हमको परिणाम से अधिक अपनी तैयारी के बारे में सोचना चाहिये। तैयारियों पर अधिक ध्यान देना चाहिये बजाय के परिणाम पर ध्यान देने से।

अनावश्यक दबाव न ले।

अक्सर हमनें ये देखा है कि जब हम किसी कार्य को बिना किसी दबाव के करते है तो उसमें हमारे सफल होने की प्रतिषतता बढ़ जाती है। क्योंकि हम पर किसी कार्य को करने का अतिरिक्त दबाव नहीं होता उसकी जो सबसे बड़ी बुनियादी वजय मै मानता हँू वो ये कि जब हम किसी भी कार्य से उम्मीद अधिक लगाते है तो उसमें सकारात्मक परिणाम लाने का अतिरिक्त दबाव हम पर बनता है और उससे हमारी कार्य ऊर्जा और कार्य क्षमता दोनों प्रभावित होती हैैैै। हमें किसी भी कार्य को इस प्रकार नहीं करना है कि जैसे वो नहीं होगा तो जीवन में कुछ नहीं होगा, जीवन बहुत बड़ा है और उसमें असीम सम्भावनायें है। जीवन को कहीं से भी और कभी शुरू किया जा सकता है।

खुद पर भरोसा करें।

कहते हैं न जब आप खुद पर भरोसा करोगे तभी तो दूसरा आप पर भरोसा करेगा। जब भी आप किसी कार्य को करने का निर्धारण करें तो सबसे पहले अपनी क्षमताओं को परखें और उसके बाद उस कार्य को करना षुरू करें। जब कार्य को शुरू कर लें फिर अपनी क्षमताओं पर संदेह न करें।खुद पर पूर्ण भरोसा करके लक्ष्य को हासिल करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *